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नई दिल्ली: फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद से सोने की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। फेस्टिव सीजन में सोना जहां 81 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था, वहीं अब यह 74 हजार रुपये से नीचे आ गया है। MCX पर शनिवार को सोने की कीमत 73953 पर थी। हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव जारी था।वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी चुनाव जीतने के बाद सोने में भारी गिरावट आई है। इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती को माना जा रहा है। मजबूत डॉलर के चलते सोने की कीमतों में अक्सर गिरावट आती है। अमेरिकी डॉलर सूचकांक (DXY) प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है। यह जून 2024 के बाद से 106 के निशान को पार करते हुए हाई लेवल पर पहुंच गया है।
दूसरी ओर जब डॉलर की वैल्यू कमजोर होती है तो दूसरे देशों की करेंसी की वैल्यू बढ़ जाती है। ऐसे में वे देश सोने को ज्यादा मात्रा में खरीदना शुरू कर देते हैं। इससे सोने की मांग बढ़ जाती है। जब मांग बढ़ जाती है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि सोने की कीमत भी बढ़ जाती है।
सोने का कारोबार डॉलर में
सोने का कारोबार अमेरिकी डॉलर में होता है। जब भी कोई देश किसी दूसरे देश से सोना खरीदता है तो वह उसे डॉलर में भुगतान करता है। इस वजह से डॉलर के सस्ता होने या महंगे होने से सोने की कीमत भी प्रभावित होती है।क्या है डॉलर का सोने से कनेक्शन?
डॉलर और सोने में बीच में बिलकुल विपरीत संबंध है। जब अमेरिकी डॉलर का मूल्य दूसरे देशों की करेंसी के मुकाबले बढ़ता है तो सोने की कीमत में गिरावट आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन देशों को सोना खरीदने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसे में उन देशों के लिए इसे खरीदना काफी महंगा हो जाता है। इसलिए सोने को काफी कम खरीदा जाता है। इस कारण सोने की मांग कम हो जाती है जिससे इसकी कीमत में गिरावट आती है।दूसरी ओर जब डॉलर की वैल्यू कमजोर होती है तो दूसरे देशों की करेंसी की वैल्यू बढ़ जाती है। ऐसे में वे देश सोने को ज्यादा मात्रा में खरीदना शुरू कर देते हैं। इससे सोने की मांग बढ़ जाती है। जब मांग बढ़ जाती है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि सोने की कीमत भी बढ़ जाती है।
आखिर सोना ही क्यों?
सोने को अक्सर महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है। जब भी किसी देश-दुनिया में महंगाई का सिलसिला शुरू होता है, वे सोने का भंडार शुरू कर देते हैं। दरअसल, दुनिया के कई देशों में आज भी सरकार बिजनेस पेमेंट डॉलर में करती है। सरकार के पास डॉलर संकट के समय से बचने के लिए बचे रहें, ऐसे में पेमेंट सोने में किया जाता है।क्या खरीदने का अच्छा समय है?
जानकारों के मुताबिक सोना खरीदने का यह अच्छा समय है। दरअसल, अभी वैश्विक बाजार उम्मीदों पर चल रहा है। ट्रंप करीब दो महीने बाद यानी जनवरी में राष्ट्रपति पद की कुर्सी संभालेंगे। ऐसे में दुनिया के बाजार की हलचल क्या होगी, कहना मुश्किल है। जानकार बताते हैं कि भारत में शादियों के सीजन में सोने की मांग बढ़ने पर इसमें तेजी आ सकती है।
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